जय श्री कृष्ण!
"यजमान" परिवार की ओर से आप सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!
“जब जब होए धरम की हानि, बढ़े अधर्म अति घानी।
तब तब धरती पर मैं आऊँ, सच्चे धर्म की लौ जलाऊँ।”
भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, वो पावन रात्रि जब कृष्ण कन्हैया का जन्म हुआ वही दिन है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी। यह पर्व न केवल हमारे आराध्य भगवान के आगमन का स्मरण है, बल्कि यह दिन भक्ति, प्रेम, और सत्य की विजय का भी प्रतीक है।
श्रीकृष्ण का जन्म: एक दैवीय कथा
मथुरा नगरी में, अत्याचारी कंस के बंदीगृह में, देवकी और वासुदेव के पुत्र रूप में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ।
माखन चुराना, गोपियों संग रास, कालिया नाग का विनाश, और गोवर्धन पर्वत उठाना आज भी भक्ति और चमत्कार का अनुपम उदाहरण हैं।
क्यों मनाते हैं जन्माष्टमी?
यह दिन अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है श्रीकृष्ण की लीलाओं और उपदेशों को स्मरण करने का अवसर भक्ति, आत्मचिंतन और धार्मिक जागरूकता को बढ़ावा देने वाला पर्व संस्कारों और परंपराओं से जुड़ने का शुभ अवसर
